पिछले लेख में हमने बात की थी कि भारतीय मध्यम वर्ग को शेयर बाज़ार में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए, इसके बाद सवाल उठा कि भारतीय मध्यम वर्ग को शेयर बाजार में नहीं तो कहां निवेश करना चाहिए? इस लेख में हम उस प्रश्न का उत्तर देने जा रहे हैं और आप मध्यम वर्ग के लिए अपना पैसा निवेश करने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध विकल्पों को समझेंगे जहां जोखिम न के बराबर या बहुत सीमित है।
भारतीय मध्यम वर्ग के लिए सुरक्षित रिटर्न पाना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही निवेश विकल्पों को चुनते समय कुछ अन्य कारकों को भी ध्यान में रखना चाहिए. नीचे निवेश के लिए कुछ सबसे सुरक्षित और बेहतर विकल्प दिए गए हैं:
1. पीपीएफ (Public Provident Fund):
- सरकार समर्थित पीपीएफ पूरी तरह से कर मुक्त निवेश और परिपक्वता राशि पर कर लाभ प्रदान करता है।
- 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, और सालाना 1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
- हालाँकि आप 7 साल के निवेश के बाद आंशिक रूप से निकासी कर सकते हैं।
- रिटर्न 7 से 8 प्रतिशत के बीच है, जो मुद्रास्फीति को मात देने में मदद करता है।
2. ईपीएफ (Employees’ Provident Fund):
- वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बचत योजना, जिसमें कंपनी भी योगदान करती है.
- अच्छा ब्याज मिलता है और परिपक्वता राशि कर मुक्त होती है.
- रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित फंड के रूप में काम करता है.
3. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS):
- रिटायरमेंट के बाद के लिए सुरक्षित पेंशन आय प्रदान करता है.
- निवेश पर कर लाभ मिलता है और लॉन्ग टर्म में रिटर्न की संभावना अच्छी होती है.
- हालांकि, लॉक-इन पीरियड होता है और निकासी सीमित है.
4. स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स:
- सरकार द्वारा समर्थित बचत खाते, पुनरावर्ती जमा योजनाएं और वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाएं आदि तुलनात्मक रूप से सुरक्षित होती हैं.
- ब्याज दरें एफडी से कम हो सकती हैं, लेकिन गारंटीड होती हैं.
5. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD):
- अलग-अलग बैंकों और परिपक्वता अवधियों के लिए ब्याज दरें भिन्न हो सकती हैं.
- कम जोखिम लेने वालों के लिए एफडी सुरक्षित विकल्प है, लेकिन महंगाई को पूरी तरह से हरा नहीं पाती.
- विभिन्न बैंकों की एफडी दरें जानने के लिए कृपया हमारा लेख पढ़ें “फिक्स्ड डिपॉजिट कहां करें”
6. एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड:
एसआईपी के सुरक्षित पहलू:
- नियमित निवेश: एसआईपी के जरिए हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करने से अनुशासन आता है और बाजार की उतार-चढ़ाव का औसत निकलता है. महंगे बाजार में कम यूनिट मिलती हैं और सस्ते बाजार में ज्यादा यूनिट मिलती हैं, जिससे लंबे समय में लागत औसत हो जाती है.
- विविधीकरण: म्यूचुअल फंड्स में कई कंपनियों और सेक्टरों में निवेश होता है, जिससे जोखिम कम होता है. एक कंपनी या सेक्टर के खराब प्रदर्शन का आपके पूरे निवेश पर उतना असर नहीं पड़ता.
- लंबी अवधि का नजरिया: म्यूचुअल फंड्स इक्विटी मार्केट में लंबी अवधि (कम से कम 5 साल) के लिए निवेश के लिए अच्छे विकल्प हैं. इतिहास बताता है कि लंबी अवधि में इक्विटी मार्केट ने अच्छा रिटर्न दिया है.
अतिरिक्त सुझाव:
- विविधीकरण महत्वपूर्ण है: एक ही निवेश श्रेणी पर निर्भर न रहें, अलग-अलग विकल्पों में निवेश करें.
- अपनी उम्र और जोखिम उठाने की क्षमता पर विचार करें: युवा लोग थोड़ा अधिक जोखिम उठा सकते हैं, जबकि बुजुर्गों को अधिक सुरक्षित विकल्पों की ओर झुकना चाहिए.
- लंबी अवधि के परिप्रेक्ष्य में निवेश करें: सुरक्षित निवेश आमतौर पर कम रिटर्न देते हैं, लेकिन लंबी अवधि में मुद्रास्फीति का असर कम करने में मदद मिलती है.
- नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करें: बाजार के रुझानों और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार समायोजन करें.
- वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें: आपकी विशिष्ट स्थिति और लक्ष्यों के लिए सबसे उपयुक्त निवेश विकल्प चुनने में मदद मिलेगी.
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपकी मदद करेगी! समझदारी से निवेश करें और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करें.
कृपया ध्यान दें: निवेश की सलाह देने का अधिकार हमारे पास नहीं है. यह जानकारी केवल सूचनात्मक है और किसी भी तरह से निवेश का सुझाव नहीं है. किसी भी निवेश करने से पहले स्वतंत्र शोध करें और वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें.