मशरूम की खेती कम पूंजी में एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। भारत में, मशरूम की मांग लगातार बढ़ रही है और अब बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है। मशरूम की खेती शुरू करने के लिए, आपको निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होगी:
- एक जगह: मशरूम की खेती के लिए एक अच्छी तरह से हवादार और ठंडी जगह की आवश्यकता होती है। तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
- कच्चा माल: मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट खाद की आवश्यकता होती है। कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए, आप गेहूं या चावल का भूसा, गोबर, और लकड़ी का बुरादा मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं।
- मशरूम के बीज: मशरूम के बीज को “स्पॉन” कहा जाता है। स्पॉन आप किसी भी कृषि विश्वविद्यालय या प्रशिक्षण संस्थान से खरीद सकते हैं।
मशरूम की खेती की प्रक्रिया
मशरूम की खेती की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- कम्पोस्ट खाद तैयार करना: कम्पोस्ट खाद तैयार करने के लिए, सबसे पहले भूसे को धोकर अच्छी तरह सूखा लें। फिर, भूसे में गोबर और लकड़ी का बुरादा मिलाकर अच्छी तरह मिलाएं। इस मिश्रण को एक बड़े बर्तन में भरकर ढक दें। मिश्रण को 7-10 दिनों तक नम रखें। इस दौरान, मिश्रण को नियमित रूप से मिलाते रहें। 7-10 दिनों बाद, मिश्रण में तापमान बढ़ने लगेगा। जब मिश्रण का तापमान 60-65 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए, तो इसका मतलब है कि कम्पोस्ट खाद तैयार है।
- कम्पोस्ट खाद में स्पॉन मिलाना: कम्पोस्ट खाद तैयार होने के बाद, इसमें स्पॉन मिलाएं। स्पॉन को कम्पोस्ट खाद के साथ अच्छी तरह मिलाएं।
- मशरूम का उत्पादन: स्पॉन मिलाने के बाद, मशरूम का उत्पादन शुरू हो जाएगा। मशरूम का उत्पादन लगभग 4-6 सप्ताह में होता है।
मशरूम की खेती के लिए आवश्यक देखभाल
मशरूम की खेती के लिए निम्नलिखित देखभाल आवश्यक है:
- तापमान: मशरूम की खेती के लिए तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
- नमी: मशरूम की खेती के लिए नमी का स्तर 70-80% होना चाहिए।
- प्रकाश: मशरूम की खेती के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है।
मशरूम की खेती से होने वाली आय
मशरूम की खेती से होने वाली आय मशरूम की प्रजाति, खेती की विधि, और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर, एक किलो मशरूम की कीमत 200-300 रुपये होती है। यदि आप एक हेक्टेयर भूमि में मशरूम की खेती करते हैं, तो आप लगभग 10-15 लाख रुपये की आय प्राप्त कर सकते हैं।
मशरूम की खेती के लाभ
मशरूम की खेती के निम्नलिखित लाभ हैं:
- कम लागत: मशरूम की खेती की लागत कम होती है।
- कम समय में अधिक आय: मशरूम का उत्पादन जल्दी होता है, जिससे कम समय में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।
- कम मेहनत: मशरूम की खेती कम मेहनत की आवश्यकता वाली होती है।
मशरूम की खेती के लिए सरकारी योजनाएं
भारत सरकार मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत, किसानों को सब्सिडी, प्रशिक्षण, और अन्य सहायता प्रदान की जाती है।
यदि आप भारत में मशरूम की खेती करना चाहते हैं, तो आप इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए, आपको अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क करना होगा।
निष्कर्ष Should you do Mushroom Farming?
मशरूम की खेती की लागत कम होती है और उत्पादन जल्दी होता है। इसके अलावा, मशरूम की खेती कम मेहनत की आवश्यकता वाली होती है। और इसे बहुत ज्यादा रख रखाव की भी आवश्यकता नहीं होती है। मशरूम की खेती के लिए आपको बड़ी कृषि भूमि की आवश्यकता नहीं है और इसे आवश्यक नमी और तापमान बनाए रखते हुए बंद कमरे में भी उगाया जा सकता है।
चूँकि मशरूम की खेती एक नकदी फसल है, इसलिए आपको पैसे कमाने के लिए इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है, जैसे ही आप मशरूम उगाते हैं और उन्हें बेचते हैं, आप पैसा कमा लेते हैं। इन सभी तथ्यों पर विचार करते हुए इतना तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है।